Weil die Stadt so fremd geworden ist. : Gespräche
मुख्य लेखकों: | , |
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स्वरूप: | पुस्तक |
भाषा: | German |
प्रकाशित: |
Bornheim :
Lamuv-Verl.,
1985
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संस्करण: | 1.-5. Tsd |
भौतिक वर्णन: | 135 S. |
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आईएसबीएन: | 3-88977-013-4 |
बोधानक: | Handbibliothek 3/07 |